न्यूज़ रूम मैं जब चैनल्स रोज आरुशी का नाम लेकर चीखते हैं तो मेरी आत्मा काँप जाती है...... जब जीते जी मेरा ये हाल है तो मरी हुई आरुशी की आत्मा का क्या हाल होता होगा ...... आज होगा आरुशी murder का परदा फाश .... सिर्फ़ हम जानते हैं कातिल कौन है जिसे हम लायेंगे आपके सामने आज ...आज ....और आज ......जैसी भयानक आवाजें २४ घंटे चारों और घूमती रहती हैं .....सवाल उठता है क्यों निठारी कांड मैं पंधेर को चलेँ चित मिल गई और सारा इल्जाम कोहली के सर रख दिया गया ..... क्यों रिज्वानुर केस मैं प्रेमिका के आमिर बाप को छोड़ दिया गया ...... क्यों जेसिका नीतिश को इन्साफ दिलवाने मैं इतना वक्त लग गया ...... और क्यों अब बेटी के कत्ल की भनक भी न लगने वाले माँ बाप को एक कोने मैं करके हेमराज कृष्णा को अकेले कटघरे मैं ला कर खड़ा किया ......
मेरे एक साथी का कहना है क्यों न आरुशी की आत्मा को ही बुला लिया जाए तो रोज रोज की टेंशन हमेशा के लिए ख़त्म हो जाए ....और इस बात को क्रॉस चेक करने के लिए हेमराज की आत्मा को बुलाया जाए ....वॉसे ये आईडिया मुझे बहुत पसंद आया ..... कहीं कुछ खास चैनल्स को पता चल गया तो वो अभी से इस तयारी मैं लग जायेंगे .....वैसे आपका क्या ख़याल है ?
Saturday, June 14, 2008
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1 comment:
प्रिया जी, आपकी ये तड़प बताती है कि आप अभी मीडिया की अंधी दौड़ से ख़ुद को बचाकर रखी हो। उम्मीद करूँगा कि प्रिया का ये तेवर बरक़रार रहे। मीडिया में भी और ब्लॉग पर भी। वैसे ये आइडिया आप अपने चॅनल हेड को देती तो आपकी इस रचनात्मकता का वह सही मोल करता। और अगले दिन हमें मुफ्त में एक हारर शो देखने को मिल जाता। अब ये आइडिया आपने ब्लॉग पर देकर अपने चैनल के पेट पर लात मारा है
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