प्यार को जाहिर करने का दिन, एक खूबसूरत एहसास। क्या इस दिन का विरोध करना चाहिए अगार हाँ तो क्यों न तो क्यों ?
सितारों के आगे जहाँ और भी हैं अभी इश्क के इम्तिहान और भी हैं।
मजबूर मोहब्बत का ये फ़साना
यहमोहब्बत का दुश्मन जमाना है
बस किस्मत के आगे मजबूर हैं दोनों बस पा नही सकते सामने मोहब्बत का खजाना है
Thursday, February 14, 2008
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