Saturday, June 14, 2008

यही तो गरीबी का मजाक है......

दुःख इसी बात का है कि ये सब केवल चिल्ला सकते.....शायद चिल्लाने का ही पैसा पाते हैं.....चीख चीख कर खबर सुनाने का चलन तो आजतक और स्टारन्यूज़ ने पैदा किया जो अब महामारी बन कर सभी चैनलों को गिरफ्त मे चुका है ...रही पुलिस की बात तो वह न ही कम से कम गरीब के लिए तो नही ही बनी है। उसका काम तो अमीरों के घरों का कीमती समान बचाना और चोरों की पहचान करना ताकि उनके यहाँ चोरी न हो...किसी मुद्दे को ले लो जैसे ही किसी रशुख वाले का नाम आता है...पुलिस dilo जान से उसे बचने मे jut jata है। arushi mardr kesh मे भी yhi हो rha है। uttr pradesh की mukhya mantri की इस मुद्दे को leker हुई दो press confrenc से saf jahir haiki we अपने इस dental डॉक्टर को किसी भी kimat pr बचाना chahti हो। एक बात और इस samya mirjapurme भूख से ९ aadiwasiyon की मौत pr उन्हें fursat कहा ....ये dhanbal का kamal है....जो dhani है wohi upyogi है ....usi ko jine ka sahi maynon me adhikar hai....aisa hi kuchh bata rhi hai aaj ki rajniti...

आरुशी अब तुम ही कह दो

न्यूज़ रूम मैं जब चैनल्स रोज आरुशी का नाम लेकर चीखते हैं तो मेरी आत्मा काँप जाती है...... जब जीते जी मेरा ये हाल है तो मरी हुई आरुशी की आत्मा का क्या हाल होता होगा ...... आज होगा आरुशी murder का परदा फाश .... सिर्फ़ हम जानते हैं कातिल कौन है जिसे हम लायेंगे आपके सामने आज ...आज ....और आज ......जैसी भयानक आवाजें २४ घंटे चारों और घूमती रहती हैं .....सवाल उठता है क्यों निठारी कांड मैं पंधेर को चलेँ चित मिल गई और सारा इल्जाम कोहली के सर रख दिया गया ..... क्यों रिज्वानुर केस मैं प्रेमिका के आमिर बाप को छोड़ दिया गया ...... क्यों जेसिका नीतिश को इन्साफ दिलवाने मैं इतना वक्त लग गया ...... और क्यों अब बेटी के कत्ल की भनक भी न लगने वाले माँ बाप को एक कोने मैं करके हेमराज कृष्णा को अकेले कटघरे मैं ला कर खड़ा किया ......
मेरे एक साथी का कहना है क्यों न आरुशी की आत्मा को ही बुला लिया जाए तो रोज रोज की टेंशन हमेशा के लिए ख़त्म हो जाए ....और इस बात को क्रॉस चेक करने के लिए हेमराज की आत्मा को बुलाया जाए ....वॉसे ये आईडिया मुझे बहुत पसंद आया ..... कहीं कुछ खास चैनल्स को पता चल गया तो वो अभी से इस तयारी मैं लग जायेंगे .....वैसे आपका क्या ख़याल है ?

Saturday, May 31, 2008

आगे से ऐसी गुस्ताखी न होगी....

प्रिया जी मेरी लेखनी की तारीफ के लिए शुक्रिया। लेकिन ये लेखनी आप लोंगो की संगत का नतीजा है। अगर मैंने आप सब के सानिध्य में रहकर लिखना सिखा है तो जाहिर है कि आप लोंगो से बड़ा मैं कदापि नहीं हो सकता। इसलिए इस लघु मानुष पर अपनी कृपा दृष्टि बनाये रखिये। वैसे मैं इतनी बड़ी गुस्ताखी तो कर ही नहीं सकता कि आपकी प्रतिक्रिया प्रकाशित न करूँ। फिर भी आपको लगता है कि ऐसा हुआ है तो मुझे माफ़ कर दीजिये। भरोसा रखिये कि आगे से ऐसी गुस्ताखी न होगी....

Wednesday, May 21, 2008

क्या मीडिया गुमराह करता है ?

हर दिन ख़बरों की भूख और आपस की होड़ ने मीडिया को कुछ भी दिखाने को मजबूर कर दिया है ...... आरुशी हत्याकांड में पुलिस का कहना है की मीडिया ने जांच को गुमराह किया है ... सही भी है कुछ चैनल्स ने पुलिस के जरा से बयान को बड़ा करके दिखाया और पुरा दिन फिर उसी न्यूज़ पर खेले ....... इससे पहले भी कई बार ऐसा हुआ है की मीडिया ने पुलिस देक्लारेशन से पहले ही कातिल का पर्दाफाश करने का दावा किया है और बाद में ग़लत निकलने पर ख़ुद का पल्ला झड़ने की कोशिश की है ,..... लेकिन मेरा सवाल ये है की अगर मीडिया इस केस को इतना नही उचालती तो क्या इस केस की इतनी परतें सामने आती या फिर हिघ प्रोफाइल केस बनकर एक और जुर्म पैसों के बोझ के नीचे दफ़न हो जाता ..... आपके विचार और राय का मेरा आसमान पर स्वागत है

Thursday, April 10, 2008

परिंदों को मिलेगी उनकी मंजिल एक दिन ,ये फेले हुए उनके पर कहते हैं
वही लोग रहते हैं खामोश अक्सर ,दुनिया में जिनके हुनर बोलते हैं
मेरा आस्मां ब्लॉग में सहयोग देने वाले सभी साथियों का हार्दिक धन्यवाद अपनी राय और विचार इसी तरह भेजते रहे

Thursday, February 14, 2008

वैलेंटाइन डे सवाल

प्यार को जाहिर करने का दिन, एक खूबसूरत एहसास। क्या इस दिन का विरोध करना चाहिए अगार हाँ तो क्यों न तो क्यों ?
सितारों के आगे जहाँ और भी हैं अभी इश्क के इम्तिहान और भी हैं।
मजबूर मोहब्बत का ये फ़साना
यहमोहब्बत का दुश्मन जमाना है

बस किस्मत के आगे मजबूर हैं दोनों बस पा नही सकते सामने मोहब्बत का खजाना है